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Sep 11, 2010

हे राम........!

क्या आपने आज का "आज तक " चैनेल देखा? "हे राम !" नाम के प्रोग्राम के जरिये उन्होंने संत श्री आसाराम जी बापू, श्री सुधांशु जी महाराज, श्री दान्ति महाराज आदि अध्यात्म से जुड़े दिग्गजों पर स्टिंग ओपरेशन चलाया है और उनकी पोल खोलने की कवायद की है .....! आज तक की यह बात सही हो या गलत; लेकिन उन तमाम लाखो भक्तों की श्रद्धा को ठेंच पहुची है! जिनकी ओर समाज की आँखे श्रद्धा भाव से देखती है ; उन्हें अपने चरित्र के बारे में ....अपने हर कदम के बारे में अति सजग रहना चाहिए...! और जब आप उस स्थान से गिर जाते है तो आप कानून ,सरकार या अदालत के मुजरिम नहीं बल्कि आप मुजरिम है उन भोले-भाले श्रद्धालु लोगों के जिन्होंने आप में प्रभु का रूप देखा था! संत-महात्मा जैसे शब्द केवल अर्थ से महान नहीं वे कर्म से भी महान होते है! जो निर्मोही हो, जो धन-मान-वासना या सत्ता से दुरी रखे वही संत या महात्मा कहलाने के अधिकारी है! संत जो अपने ज्ञान से --कर्म से इस सृष्टि को पावन करे...जन-मन का उद्धार करे...! सभी संत गलत नहीं होते है! आज भी ऐसे कई संत है जो वाकई में इस महान पद के हक़दार है लेकिन कुछ महाशय संत शब्द को बदनाम करते है यह दुःख दायी है! यह वो भूमि है जिसे पतंजलि,वशिष्ठ जैसे महान मुनि; संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर, संत गुरुनानक देव जैसे महान संतों ने अपने कर्म से पावन की..है! कितने नाम हम यहाँ दे सकते है!


संतों को मोह-माया-मत्सर से दूर रहना चाहिए...! गलत काम करने वाले तथाकथित लोग अपने कर्म से समूची संत जाती को बदनाम तो कर ही रहे है बल्कि यहाँ की महान संस्कृति को भी बदनाम कर रहे है!अगर ऐसे फाइव स्टार संत धन की राशी ज़माने लगे .....तो पाखंडी दुनिया अपनी महान संस्कृति भी बदनाम करने की कोशिश करेगी! अब यह भक्तों की जिम्मेदारी है जो सही संत पहचाने ....परखे..और सजग रहे ताकि कोई मायावी फिर से उनकी श्रद्धा को ठेंच ना पहुचाये!
इस कार्यक्रम में आचार्य धर्मेन्द्र और बाबा रामदेव जी ने भी  ऐसी बात पर दुःख जताया है जो जन-भावना का प्रतिबिम्ब है!

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