सामंत Anonymous 4:07 PM कोस रहे क्यों राजाओं को, खुद भी कुछ इतिहास बनाओ, अब जनता का शासन है, फिर क्यों नहीं रचते नए गीत। सर काट कर ले गए फिर भी जाग नहीं पाया...