है कौनसा ऐसा हमारा कर्म ?
है कौनसा ऐसा हमारा धर्मं ?
जिससे इतिहास हमने बनाया ! !
पूर्वजो ने हमारे नाम कमाया !
इस धरा को हमने भारत बनाया !!
सर कट जाने पर भी लड़ते हम ! !
जहाँ पर मोल रहता था हरदम !
नमक का ज्यादा खून का कम ! !
इसीलिए प्रजाने हमको राजा बनाया !!
फिर क्यों हमने उसे आज भुलाया है ?
चलो सबको कृष्ण ने रण में बुलाया है ! !
वही है हम सबका प्यारा, क्षात्र-धर्म !!
पाबूजी राठौड़
गधा सम्मेलन के लिये ताऊ का सोंटा (Taau's Baton) रवाना
मेरी शेखावाटी