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Nov 22, 2012

श्री क्षत्रिय वीर ज्योति का पंचम मंथन शिविर (हमीरगढ़ )

कुंवरानी निशाकँवर
श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के पंचम मंथन शिविर का आयोजन दिनांक 17/11/2012 से 18/11/2012 तक प्रातः स्मरणीय स्वतंत्रता के दीवाने महाराणा प्रताप की मेवाड़ धरा के हमीरगढ़ (भीलवाड़ा) में किया गयाथा ! मंथन शिविर "मंशा महादेव" मन्दिर में दिनांक 17/11/2012 को समय क़रीब 03.00 बजे शाम प्रारंभ हुआ !श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के अध्यक्ष वासुदेव श्री कृष्ण की मंगलिक मंत्रोच्चारन केसाथ उपासना के उपरांत कार्य-क्रम की शुरुआत करते हुए सर्व‌-‌-प्रथम श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के संस्थापक स्दस्य एवं आधार स्तंभ ठाकुर साहब जयपाल सिंह गिरासे (शिशोदिया) ने श्री क्षत्रिय वीर ज्योति की प्रस्तावना उपस्थित क्षत्रिय एवं क्षत्रनियो के समक्ष रखी !इसके बाद कुँवर राजेंद्र सिंह नरुका (बसेट) ने क्षत्रिय वीर ज्योति के लक्ष्य एवं उसे हासिल करने के लिए आगामी 46 वर्षों का कार्य-क्रम क्रम वार विस्तार से बताया ! मिशन के लिए धन एवं साधनों के स्रोत्रो पर भी विस्तार से बताया गया ! गुजरात से पधारे श्री मुक्तेश सिंह जी मन्हार ने पिछले 4 वर्षों तक के संस्थान के द्वारा लक्ष्य की दिशा में तय की गयी दूरी एवं क्रियाकलापों के बारे में बताया !गुजरात से ही पधारे श्री जयपाल सिंह जी झाला ने श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के मिशन में अपने द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बताया ! संस्थान के संस्थापन में अग्रणी भूमिका निभाने एवं मध्य-भारत में क्षत्रिय धर्म जागरण रत श्री डॉक्टर साहब प्रहलाद सिंह जी सिकरवार ने आज के परिवेश में क्षत्रिय वीर ज्योति के मिशन की अवश्यकता के बारे में बताया ! इसके बाद मंथन शिविर में उपस्थित सभी बंधुओं से अपने-अपने विचार व्यक्त करने को कहा गया !सभी उपस्थित क्षत्रिय बंधुओं ने अपना पूर्ण सहयोग श्री क्षत्रिय वीर ज्योति को प्रदान कराने का वायदा किया ! अपनी शंकाओं को प्रकत किया जिनका समाधान संस्थान की ओर से किया गया ! इस मंथन शिविर में राजा-अधिराज हेमेन्द्र सिंह जी बनेरा (पूर्व-सांसद ) सहित राजस्थान ,एम.पी.,गुजरात, महांराष्ट्र ,दिल्ली,उ.प्र. से कार्यकर्ताओ ने भाग लिया !शिविर के मेजबान रावत साहब युगप्रदीप सिंह जी हमीरगढ़ थे ! मंथन शिविर में राजा-अधिरज हेमेन्द्र सिंह जी बनेरा ने इस मिशन को क्षत्रिय धर्म पुनर्स्थापना के लिए अत्यन्त अवश्यक बताया और अपना पुराना सहयोग देने का अस्वशन दिया ,साथ ही वर्तमान सभी प्रकार के राजपुत राजनेताओ से सावधान रहने की सलाह दी ! श्री कुलदीप सिंह जी श्यामपूरा ने भी अपना सहयोग देने का वायदा किया ! मेजबान रावत साहब हमीरगढ़ (श्री युगप्रदीप सिंह जी ) ने सभी का यहा पधरने का आभार व्यक्त किया एवं अपने संगठन जय राजपूताना की ओर से इस मिशन के लक्ष्य हेतु पूर्ण सहयोग का आस्वाशन दिया ! क्षत्रिय धर्म की पुनर्स्थापना में क्षत्रनियो की भूमिका क्या है, और किस प्रकार आज क्षत्रनियो को दूषित होते इस वातावरण से बचाया जाए ,इस पर कुंवरानी साहिबा निशा कँवर जी ने सभी को विस्तार से समझाया ! इसके बाद सयंकाल माताजी के मन्दिर में दर्शन किए गए ! रात्रि 08.00 बजे से 12.00 बजे तक पुनः शंका समाधान का दौर हुआ ! इसके बाद दिनांक 18/11/2012 प्रातः 09.30 बजे सभी श्री क्षत्रिय युवक संघ के बालिका शिविर में बिलिया ,खरदा गए एवं ठाकुर जयपाल सिंह जी शिशोदिया,रावत साहब,युग प्रदीप सिंह जी हमीरगढ़ ,डॉक्टर साहब प्रह्लाद सिंह जी गुना एवं कुँवर राजेंद्र सिंह जी नरुका ने विस्तार से बालिकाओं एवं वहा उपस्थित सभी क्षत्रिय एवं क्षत्रनियो को क्षत्रिय धर्म एवं श्री क्षत्रिय वीर ज्योति मिशन के बारे में समझाया ! इसके बाद सायंकाल 03.00 बजे शिविर समापन हुआ एवं सभी ने भाव भीनी विदाई ली ! मेजबान रावत साहब हमीरगढ़ का मृदुल एवं मिलनसार व्यवहार कबीले तारीफ रहा !इस मंथन शिविर में युवा नवोदित व्यवसायी कुँवर हेमेन्द्र सिंह जी तंवर (दीपावास) भी उपस्थित रहे ! भँवर् कुश (11 वर्षीय) एवं भँवर बयिसा उत्तम कँवर(13 वर्षीय) ने भी मंथन शिविर में पूरा भाग लिया ! इस मंथन शिविर में जो मुख्य निर्णय हुए वे निम्न प्रकार है :‌-
1)अगला मंथन शिविर मध्य प्रदेश में गुना में मार्च 2013 में आयोजित होगा !इसके आयोजक डॉक्टर साहब प्रह्लाद सिंह जी सिकरवार होंगे !
2) सन् 2014 तक इस क्षत्रिय वीर ज्योति मिशन में कुल 10000 सक्रिय सदस्य बनाने है !
3) अगले मंथन शिविर में तय किया जयेगा कि सदस्यों से सदस्यता शुल्क कब से लेना शुरू किया जाएँ !
4)श्री क्षत्रिय वीर ज्योति के मिशन की जानकारी के लिए "क्षत्रिय संसद" ब्लॉग को नियमित किया जाएँ! और ज्ञान दर्पण ,राजपूत वर्ल्ड , पर भी लगातार इसकी जानकारी उपलब्ध करवायी जायेगी !
5) पति के साथ चिता में बैठकर स्वर्ग गमन करने वाली क्षत्रनियो से ज्यादा वे क्षत्रनियो महान मानी जाएँ जो विधवा रहकर अपने पति के परिवार का सहारा बनती है ! और उनके पति के लक्ष्य में अपना पूरा जीवन समर्पित करती है! अतः विधवा क्षत्रनियो को तपस्विनी और देवी का रूप मानकर उनका भरपुर सम्मान किया जयेगा !
6)क्षत्रिय युवक संघ के दोनों घटकों से दंपती शिविर के जरिये क्षत्रिय वीर ज्योति के स्थापित होने वाले गुरुकुलों के लिए क्षत्रिय एवं क्षत्रनियो के संस्कारित परिवारों को चिह्नित कराने का निवेदन किया जयेगा !
7 ) क्षत्रिय इतिहास जिसे हमारे राजनितिक और परम्परागत शत्रुओ ने दूषित कर दिया है उसकी सृष्टि की रचना से लेकर आजतक शुद्धिकरण के लिए परम श्रद्धेय देवी सिंह जी महार (आधुनिक विश्वामित्र )जैसे की शरण में बैठकर इस इतिहास की पुनः रचना की जाये जिससे श्री राम और श्री कृष्ण सहित अधिकांश क्षत्रिय महापुरुषों का चरित्र निम्न करने का पांडा-वाद ने प्रयास किया है उसे समाज जान सके !
"जय क्षात्र-धर्म"
प्रचार प्रमुख
श्री क्षत्रिय वीर ज्योति

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