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Sep 14, 2013

सामाजिक संगठन या समाज के ठेकेदार ??

राजस्थान में विधानसभा के लिए चुनावों के लिए विभिन्न दलों व उम्मीदवारों में अपनी अपनी जीत के लिए मतदाताओं को लुभाने हेतु चुनाव प्रचार अभियान शुरू कर दिया है| साथ ही विभिन्न जातियों के जातिय सामाजिक संगठन भी अपनी अपनी जाति का विधानसभा में प्रतिनिधित्व बढाने हेतु अपनी जाति के ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार चुनाव में जिताने हेतु अपने जातिय मतों की लामबंधी अपने जाति के उम्मीदवार के पक्ष में करने में लगे है|

वहीँ कई जातिय संगठनों के कर्ताधर्ता अपने व्यक्तिगत फायदे या राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए अपने सामाजिक संगठन के प्रभाव का इस्तेमाल अपने समाज की जातिय भावनाओं का दोहन करने में कार्यरत है| ऐसे तत्व राजनैतिक दलों से अपने जातिय वोटों की सौदेबाजी कर फायदा उठाने में लगे है|

इस तरह का कार्य में हमारे समाज के भी एक अग्रणी प्रतिष्ठित संगठन के कुछ लोग लगे है, जो अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनाव लड़ रहे अपने स्वजातिय बंधुओं के खिलाफ अभियान चलायें हुए है| ऐसे ही एक संगठन के कर्ताधर्ताओं के रूप में विख्यात या कुख्यात एक तथाकथित सामाजिक नेता समाज के चुनाव लड़ रहे बंधुओं के खिलाफ समाज को बरगलाने व उन्हें हराने के कुकृत्य में लगे है|

सूत्रों के अनुसार कल इस व्यक्ति ने डीडवाना शहर में भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार के पक्ष में समाज के लोगों की सभा कर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की| ज्ञात हो इस विधानसभा क्षेत्र से समाज के एक बंधू श्यामप्रताप सिंह रूवां चुनाव लड़ रहे है और वे इस बार जीतने की पूरी स्थिति में भी है,श्यामप्रताप ने पिछली बार भी डीडवाना से चुनाव लड़ा था और इसी व्यक्ति ने भाजपा के मुस्लिम प्रत्याशी के समर्थन में समाज के वोट दिलवा श्यामप्रताप की हार सुनिश्चित करवाई थी|

सूत्रों के अनुसार खिमसर विधानसभा में एक और समाज बंधू दुर्गसिंह चौहान इस बार भी जीतने की स्थिति में है उसके खिलाफ भी यह शख्स कल सामाजिक संगठन के नाम पर सभा कर एक ऐसे भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने की अपील करने वाला है जिस उम्मीदवार पर १९७१ में दिलीप सिंह नामक एक राजपूत युवा के खून से हाथ रंगे होने का आरोप है, पिछली बार भी इस विधानसभा क्षेत्र से ऐसे ही समाजद्रोही व्यक्तियों व नेताओं द्वारा हनुमान बेनीवाल को भाजपा से टिकट दिलवा कर जिताया था जो बाद में भाजपा सहित इन नेताओं के लिए भस्मासुर साबित हुआ| और अभी हाल ही के विश्व विद्यालय चुनाव में इसी विधायक ने जोधपुर में हमारे समाज के खिलाफ जातिय भावनाएं भड़काते हुए समाज के कुछ युवकों पर कातिलाना हमला करवाया था| जिसके बाद जोधपुर शहर में जातिय संघर्ष छिड़ा|

भारतीय लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी मनमर्जी से मत देने व किसी दल का प्रचार आदि करने का मौलिक अधिकार है अत: उपरोक्त व्यक्ति भी अपने इस मौलिक अधिकार का प्रयोग करते हुए यदि किसी राजनैतिक दल की सदस्यता ग्रहण कर उसका प्रचार व समर्थन करता है तो हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिये पर यदि कोई व्यक्ति समाज के नाम पर राजनीति करे, सामाजिक संगठन के नाम पर राजनीति करे, समाज के वोटों का सौदा किसी दल से अपने निजी फायदे या राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए प्रयोग करे, ऐसा कुकृत्य किसी भी समाज को कतई स्वीकार्य नहीं हो सकता| यह संगठन जिसके नाम का यह शख्स फायदा उठा रहा है उसकी स्थापना समाज को राजनीति सहित हर क्षेत्र में आगे बढाने के लिए हमारे महापुरुषों ने की थी पर लगता है इस संगठन के लोग अपने मूल उद्देश्य से भटक गए और इनका विरोध करने वालों को ये समाज विरोधी कह प्रचारित करते है ठीक वैसे ही जैसे धर्म के नाम पर दुकानदारी करने वाले पंडे आजतक हिन्दू धर्म की आड़ में अपने खेल खेलते आये है|

बंधुओं उपरोक्त प्रतिष्ठित संगठन में आज भी बहुत से अच्छे समाज सेवी लोग बिना किसी निजी लाभ के कार्यरत है पर उनके अच्छे कार्यों का दोहन यह एक व्यक्ति अपनी निजी राजनैतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति करने में लगा है और संगठन के शीर्ष नेतृत्व का भी इस व्यक्ति को मौन समर्थन है| जिस तरह एक मछली पुरे तालाब को गन्दा कर देती है ठीक उसी तरह यह एक व्यक्ति इस प्रतिष्ठित संगठन को अपने कृत्यों से बदनाम कर समाज की नजरों में गिराने का कार्य कर रहा है| आज समाज के जागरूक लोग सिर्फ इस व्यक्ति द्वारा संगठन के नाम का गलत इस्तेमाल पर आलोचना कर विरोध कर रहे है यदि संगठन के शीर्ष नेतृत्व ने इसका समर्थन जारी रखा तो वो दिन दूर नहीं जब समाज के जागरूक लोगों की आलोचना व विरोध का शिकार सीधा यह संगठन बनेगा|

जिस तरह से इस संगठन के लोगों ने राजस्थान के दो सौ विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं कर एक दल विशेष को समाज के वोट दिलवाने का कार्य शुरू किया है उससे साफ जाहिर होता है कि ये तथाकथित समाज सेवी लोग समाज हित की बात करने की आड़ में समाज के ठेकेदार बन गए है जो समाज के वोटों का किसी दल से अपने निजी हित के सौदेबाजी कर रहे है|

श्री क्षत्रिय वीर ज्योति, राजपूत युवा परिषद् व जय राजपुताना संघ के कार्यकर्ताओं ने इस संगठन के इस कृत्य पर भारी नाराजगी जताते हुए समाज के बंधुओं से अपील की है कि – जहाँ समाज का कोई बंधू चुनाव लड़ रहा है और ऐसे तत्व उसके खिलाफ समाज को गुमराह करने आते है तो उनकी बातों में ना आयें और उनका बहिष्कार करें|

यदि यह व्यक्ति अपने समाज बंधू उम्मीदवारों के खिलाफ अपना अभियान बंद नहीं करता है तो फिर इनके व संगठन के नाम सहित इनके कुकृत्यों को उजागर किया जायेगा|

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