२० अक्टूबर २०१३ को महाराष्ट्र के ठाणे जिले के भायंदर में राजस्थान राजपूत परिषद्, मुंबई द्वारा आयोजित दशहरा स्नेह मिलन के कार्यक्रम में विभिन्न राजपूत सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया| कार्यक्रम में मुंबई के आस-पास रहने वाले राजपूतों ने हजारों की संख्या में भाग लिया| कार्यक्रम को श्री राजपूत करणी सेना के संस्थापक व संरक्षक श्री लोकेन्द्र सिंह कालवी, महाराणा प्रताप बटालियन के कमांडर ठाकुर अजय सिंह सेंगर के अलावा विभिन्न सामाजिक संगठनों के राजपूत नेताओं ने संबोधित किया|
इसी कार्यक्रम में जोधा-अकबर सीरियल के मामले में बालाजी टेलीफिल्मस की एकता कपूर द्वारा सीरियल बंद करने को लेकर करणी सेना व राजपूत समाज से मीडिया के सामने माफ़ी मांगते हुए सीरियल बंद करने के वायदे से मुकर जाने पर रोष व्यक्त करते हुए महाराणा प्रताप बटालियन के ठाकुर अजयसिंह सेंगर ने राजपूत युवाओं से एकता कपूर द्वारा समाज को धोखा दिए जाने व सीरियल में समाज की भावनाएं आहत करने का बदला लेने का आव्हान करते हुए घोषणा की कि- जो भी युवा एकता कपूर की हत्या कर देगा उसे महाराणा प्रताप बटालियन पांच रूपये का ईनाम देगी| कार्यक्रम में शामिल होने वाले उत्तरप्रदेश के मंत्री रघुराज प्रताप उर्फ़ राजा भैया के एनवक्त पर कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की नाराजगी जताते हुए सेंगर ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि राजा भैया जबान देकर समारोह में नहीं आये अत: उन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिये और इसके लिए सेंगर ने राजा भैया को आगामी समाज के किसी प्रोग्राम में सिख धर्म द्वारा दी जानी वाली सामाजिक सजा का अनुसरण करते चार जूते साफ करने की सजा सुनाई|
आखिर ठाकुर अजय सिंह सेंगर द्वारा जोधा अकबर मामले में एकता कपूर की मुंडी की कीमत पांच लाख लगाने की इस लोकतांत्रिक देश में क्या और क्यों जरुरत पड़ गई ? ये विचारणीय प्रश्न है| यदि इस प्रश्न और परिस्थितियों पर गौर करें तो आज देश जिस नक्सलवादी हिंसा जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, उसके पीछे भी की परिस्थितियां भी समझ आने लगती है| अरुण गोवारिकर की फिल्म “जोधा-अकबर” को राजस्थान में नहीं चलने दी गयी यह जानते समझते हुए भी एकता कपूर व जीटीवी ने जोधा-अकबर पर सीरियल बनाया, उन्हें पता था कि इस सीरियल के खिलाफ राजपूत समाज में गुस्सा भड़केगा और वे उस गुस्से को टीआरपी में बदल उसका व्यवासायिक फायदा उठायेंगे| और जीटीवी व बालाजी फिल्मस में सीरियल के खिलाफ हुए प्रदर्शनों को टीआरपी के लिए भुनाने की पूरी भी कोशिश की|
जब एकता कपूर की फिल्म “वंस अपन ए टाइम मुंबई दुबारा” रिलीज होने का वक्त आया और करणी सेना द्वारा सिनेमाघरों के पर्दे फाड़े जाने के डर से राजस्थान के सिनेमाघरों ने फिल्म के प्रदर्शन में असमर्थता जताने के बाद एकता कपूर ने प्री प्लानिंग से राजपूत समाज के साथ धोखा करने हेतु मीडिया के कैमरों के सामने हाथ जोड़ते हुए माफ़ मांग सभी मांगे मानते हुए अपनी फिल्म रिलीज कराली व बाद में थूककर चाट गई| विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एकता कपूर राजपूत समाज से वार्ता करने यह तय करके आई थी कि भले कुछ भी करना पड़े, माफ़ी मंगनी पड़े फिलहाल फिल्म रिलीज करानी है और फिल्म रिलीज के बाद सीरियल भी बंद नहीं करना|
एकता के इसे धोखे से आहत हो ठाकुर अजयसिंह सेंगर जैसे राष्ट्रवादी नेता ने उसके खिलाफ हिंसक कार्यवाही करने का आव्हान किया| सेंगर ही क्यों ? इस सीरियल के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान मुझे कई ऐसे राजपूत युवा मिले जिन्होंने एकता कपूर पर हमला करने की ठान रखी थी जिसे मैंने कुछ समाज नेताओं को बताकर समझा कर शांत करवाया| विरोध प्रदर्शनों में मुझे कई ऐसे युवा मिले जो शेरसिंह राणा द्वारा समाज की प्रतिष्ठा के लिए दस्यु फूलन की हत्या से प्रेरित हो इन फ़िल्मी व टीवी वालों से बदला लेने की मन में हसरतें पाल रहे थे| ऐसे आक्रोशित युवाओं को थोड़ा सा ही भड़का कर उन्हें हिंसा का रास्ता अख्तियार करने को तैयार किया जा सकता है| जो समाज, देश सब के लिए घातक है|
और ऐसी परिस्थितियों के लिये के लिए एक तरफ जिम्मेदार है बालाजी टेलीफिल्मस, जीटीवी की हठधर्मिता है तो दूसरी और सरकार कुछ सुनना ही पसंद नहीं कर रही, वहीँ न्यायालय में भी सीरियल रुकवाने हेतु दायर वाद इतना लंबा समय ले लेगा कि जब तक कोई फैसला होगा तब तक सीरियल ही पूरा हो जायेगा|
तो क्या फिर ऐसी हालात में लोगों को अपना स्वाभिमान बचाने हेतु उपरोक्त इसी तरह के रास्ते अपनाने पड़ेंगे ??