पिछले चुनाव में छात्र राजनीति व सामाजिक गतिविधियों में सक्रीय श्यामप्रताप को समाज द्वारा चुनाव मैदान में उतारे श्याम प्रताप को १७००० वोट प्राप्त हुए, नतीजा – भाजपा वोटों के बंटने के कारण युनुसखान हार गए| इस तरह भाजपा द्वारा राजपूत समाज की अवहेलना की कीमत भाजपा को एक सीट गँवा कर चुकानी पड़ी|
उपरोक्त हार से सबक मिलने के बाद भी भाजपा की अड़ियल नेता वसुंधरा राजे ने कोई सबक नहीं सीखा और समाज की मांग को फिर अनदेखा करते हुए इन चुनावों में भी युनुस खान को टिकट थमा दी| उधर श्यामप्रताप की झुझारू छवि, राजपूत समाज का एकजुट होकर साथ देना और क्षेत्र में दलितों की सहायतार्थ उसके द्वारा किये कामों की वजह से दलित मतों का उसके प्रति झुकाव भांप बहुजन समाज पार्टी ने श्यामप्रताप सिंह को टिकट दे दिया| श्यामप्रताप सिंह के साथ राजपूत और दलित मतों के ध्रुवीकरण को देखते हुए जिस सीट पर भाजपा का कब्ज़ा होता था उस सीट पर आज भाजपा कहीं दूर दूर तक मुकाबले में ही नहीं वह तीसरे नंबर पर जा पहुंची| अब मुख्य टक्कर श्यामप्रताप व कांग्रेस के मध्य ही रह गयी है|
भाजपा द्वारा राजपूत समाज की अवहेलना से आक्रोशित होने के अलावा ऐसे कौनसे कारण है कि आज डीडवाना क्षेत्र का नहीं बल्कि पुरे राजस्थान व सोशियल मीडिया से जुड़ा देशभर का राजपूत युवा श्यामप्रताप के साथ खड़ा है; दलित समुदाय अपनी परंपरागत कांग्रेस पार्टी को छोड़ श्यामप्रताप के पक्ष में मजबूती से खुलेआम खड़ा है| आईये इन्हीं प्रश्नों का उत्तर खोजने के लिए एक सरसरी नजर डालते है श्यामप्रताप सिंह राठौड़ द्वारा किये गए सामाजिक व राजनैतिक संघर्षों पर:-
वर्ष १९९८ में श्यामप्रताप ने अग्रवाल कालेज जयपुर के छात्र संघ में उपाध्यक्ष पद हेतु चुनाव लड़ छात्र राजनीति में सक्रीय कदम रखा, हालाँकि वे इस चुनाव में जीत नहीं पाये| इस चुनाव के बाद राजनीति में कदम रखते हुए श्यामप्रताप ने जयपुर के वार्ड संख्या चार से पार्षद का निर्दलीय चुनाव लड़ा और राजस्थान में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकार्ड बनाया| २८ मार्च २००४ को ही श्यामप्रताप को राजपूत युवा परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई, इस दौरान उनके प्रयासों से राजस्थान की विभिन्न कालेजों में पांच राजपूत युवा छात्र संघ अध्यक्ष चुनाव जीते| राजपूत युवा परिषद् के झंडे तले श्यामप्रताप सिंह ने राजस्थान में राजनैतिक पार्टियों द्वारा राजपूतों की उपेक्षा व आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ भवानी निकेतन स्कुल से मुख्यमंत्री आवास तक “अधिकार रैली” के नाम से एक बड़ी रैली का सफल आयोजन किया| इस रैली में आक्रोशित भीड़ व पुलिस के बीच के जमकर लाठी-भाटा जंग भी हुई|
राजपूत युवा परिषद् के अध्यक्ष के नाते इन्होने समाज के विभिन्न महापुरुषों की जयंतियों पर कार्यक्रम कर युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संदेश पहुंचाने की पुरजोर कोशिश की व प्रदेश स्तर पर राजपूत युवाओं को संगठित करने का भरपूर प्रयास किया|
आप वर्ष २००९ व २०१० में राजस्थान के प्रसिद्ध व चर्चित राजपूत नेता लोकेन्द्रसिंह जी कालवी के संरक्षण में स्थापित श्री राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे| इस दौरान ने करणी सेना ने अरुण-गोवारिकर की चर्चित फिल्म जोधा-अकबर का राजस्थान के किसी भी सिनेमा घर में प्रदर्शन रोककर देश में करणी सेना की ताकत की धाक जमाई|
वर्ष २००९ में ही भाजपा को डीडवाना विधानसभा क्षेत्र में राजपूत मतों की ताकत का अहसास कराने के लिए समाज के आदेश पर आपने विधान सभा चुनाव लड़ा| जिसमें आपको १७००० वोट मिले| ज्ञात हो डीडवाना क्षेत्र में दो लाख के आस-पास कुल मत है और वहां ६०% मतदान होता है|
चुनाव में भाजपा केतत्कालीन मंत्री युनुसखान को हरा अपनी राजनैतिक ताकत दिखाने के बाद श्याप्रताप सिंह डीडवाना विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न जन-समस्याओं को लेकर समय समय पर आन्दोलन करते रहे, रामसा पीर परिषद् के झंडे तले दलित कल्याण कार्यक्रम चलाने के साथ डीडवाना को जिला बनाने के लिए कई बार प्रदर्शन व आन्दोलन किया|
पंचायत चुनावों में भी नागौर जिले में राजपूत पंच, सरपंचों की संख्या बढाने हेतु आपने अथक प्रयास किये और काफी सफल रहे यही कारण है डीडवाना विधानसभा क्षेत्र के सभी दस में से नौ राजपूत सरपंच इस चुनाव में आपके साथ खड़े है|
करड़, पटोदा, गोटन, न्यांगली राजपूत युवाओं के हत्याकांड के खिलाफ हुए सभी आन्दोलनों व संघर्षों में भी आपने बढ़ चढ़कर भाग लिया|
यही कुछ कारण है कि आज डीडवाना ही नहीं देशभर का राजपूत युवा आपसे जुड़ा है, आपको उनका पूर्ण समर्थन प्राप्त है जिसकी झलक सोशियल मीडिया पर आसानी से प्रत्यक्ष देखी जा सकती है|
Share this:
Related Posts